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बैतूल। आम आदमी पार्टी के नेता मनोहर पचोरिया को जिला न्यायालय से मिली जमानत और पुलिस को मिली फटकार।

सारणी! में सामाजिक सोसल मीडिया के व्हाट्सअप ग्रुप में किसी व्यक्ति के द्वारा की गई टिपण्णी पर मनोहर पचोरिया द्वारा अपने व्यक्तिगत विचार गूगल टाइप कर किए गए। उसके बाद कोई टिप्पणी दर्ज नहीं कराई पर साजिश के तहत बिना किसी इन्वेस्टिगेशन के ही बीजेपी के कुछ सदस्यों के आवेदन पर टिपण्णी का स्क्रीन शॉट के माध्यम से ही तत्काल आनन फानन में थाना प्रभारी सारनी अरविंद कुमरे जी के द्वारा सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं के दबाव में एक साधारण सी टिप्पणी पर ही आईपीसी की धारा 505/2 धारा 188 के तहत जो की जमानती धारा भी हैं जो थाना में ही मुचलके पर जमानत देने का विधि में प्रावधान भी है लेकिन साधारण सी एक टिपण्णी जिसमें शायद गूगल वाइस टाइपिंग के शब्द के गलत उच्चारण से टिपण्णी का उद्देश्य भी गलत समझ लिया गया और बिना विधिवत पूछताछ के ही एफआईआर दर्ज कर दी गई। 9 अप्रैल तारीख को आम आदमी पार्टी के नेता मनोहर पचोरिया द्वारा शाम को स्वयं थाना सारनी में थाना प्रभारी अरविंद कुमरे के समक्ष प्रस्तुत हुए और स्थानीय स्तर पर ही साधारण टिप्पणी पर लगाई गई धारा का मौखिक रूप से आपत्ति भी दर्ज कराई और उक्त धारा पर जमानत देने की अपील की गई लेकिन थाना प्रभारी द्वारा जिला न्यायालय में पेश होने का हवाला दिया गया जिसमें मनोहर पचोरिया द्वारा कानून का सम्मान करते हुए रात्रि कालीन सारनी थाना में ही अरेस्टिंग देकर 10 अप्रैल को जिला न्यायालय में पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में प्रस्तुत हुए न्यायालय ने उन्हें तत्काल उक्त मामले में जमानत दे दी और पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी की इस विषय पर मामला केसे पंजीबद्ध कर दिया आप लोगों ने न्यायालय के द्वारा सारणी पुलिस पर जमानत की सुनवाई के पश्चात फटकार लगाते हुए चेतावनी भी दी है कि भविष्य में इस प्रकार के मामले पंजीबद्ध ना करें। पुलिस के द्वारा जिस धारा में मामला दर्ज किया है वह अभियुक्त पर लागू नही होती हैं अधियुक्त पर प्रथम दृश्या में मामला ही नही बनता है। पुलिस प्रशासन सारनी द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहां गया है की उन्हें गिरफ्तार कर जिला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया लेकिन ये कथन पूर्णतः गलत है क्योंकि आप नेता मनोहर पचोरिया स्वयं सारनी थाना में प्रस्तुत हुए थे अभी लगातार 3 दिनों से सोशल मीडिया में बीजेपी के कुछ नेताओं द्वारा मनोहर पचोरिया की छवि को धूमिल करने के लिए प्रायोजित रूप से उनकी पुलिस प्रशासन के साथ खुली तस्वीर का प्रकाशन कर मनोहर पचोरिया को खुलेआम अपमानित करने का कार्य कर रहे हैं। मनोहर पचोरिया एक हिंदूवादी विचार धारा के सामाजिक कार्यकर्ता भी है इस प्रकार की बीजेपी नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर सारनी पुलिस ने किया गिरफ्तार की फोटो का प्रसारण करना संकीर्ण मानसिकता का भी परिचय प्रदान करता हुआ प्रतीत होता हैं। इन विषयों से जिससे मनोहर पचोरिया बहुत आहत हैं उनका मानना है की देश में अपनी बात रखना भी आज शायद एक गुनाह और राष्ट्रद्रोह जैसा हो गया हैं वें शायद गलती से गूगल वाइस टाइपिंग की बात पुलिस प्रशासन से पूछताछ में स्वीकार कर सकते थे पर बिना पूछताछ के सीधे एफआईआर दर्ज कर देना सत्ता पक्ष के दबाव में आकर सीधे एफआईआर दर्ज करना शायद स्थानीय पुलिस प्रशासन पर निसंदेह एक बड़ा गंभीर सवाल पैदा करता हैं।जिला न्यायालय की कार्यवाही अब विचाराधीन हैं आगामी दिनों में न्यायलय की कार्यवाही में मनोहर पचोरिया अपने वकील के माध्यम से थाना प्रभारी द्वारा की गई अनुचित कार्यवाही से को लेकर अपनी प्रतिक्रिया न्यायालय के समक्ष करेंगे।

न्यायालय से जमानत प्राप्त होने के बाद आम आदमी पार्टी के कई साथियों द्वारा अलोकतांत्रिक रूप से स्थानीय पुलिस प्रशासन की कार्यवाही और समाचार पत्रों में दर्शाई गई गिरफ्तारी पर आक्रोश जाहिर कर जिला कार्यालय में मनोहर पचोरिया को पुष्प गुच्छ पहनाकर स्वागत किया गया।

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